Linha भगवत्पाद शंकराचाlente शक्ति ही शिव की आत्मा है। बिना आत्मा के शरीरजिस जिस प्रकार निर्जीव पड़ा marca है है, उसी प्रकार से शिव भी शक्ति के बिना निर्जीव हते हते हैं।
यदि सही अर्थों में देखा जाय, तो सृष्टि का प्रत्येक कण शक शक्ति तत्व से आपूरित है। शक्ति तत्व की आराधना-उपासना करने का यों तो कोई विशेष काल या क्षण नहीं है, क्योंकि जब भी बालक किसी आपदा में फंसता है, तो वह काल तथा क्षण का निर्णय किये बगैर ही मां का आवाहन कर लेता है और मां को उसके समक्ष प्रस्तुत होना ही पड़ता है। फिर भी कुछ क्षण विशेष में प्रकृति ने मां की अमृत वर्षा को साधक निरन्तर अनुभव कर सकता है। Linha
Durante o período Gupta é realizada a grande adoração que é anual.
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अर्थात् 'गुप्त नवरात्रि में जो साधक मेरी साधना सम्पन्न करता है, उसे मैं धन, धान्य, पुत्र, यश, सम्मान आदि प्रदान कर उसे समस्त बाधाओं से मुक्ति प्रदान करती हूं।' जब भगवती स्वयं अपने साधक को ये सब कुछ प्रदान करने के लिये प्रयत्नशील रहती हैं, तो साधक के लिये तो मात्र यही क्रिया शेष रहती है कि वह उचित विधि से उनकी साधना कर उनसे सब कुछ प्राप्त कर ले।
भौतिक marca से वह देवों सम समान सभी क का उपभोग स्थायी ूप से क ककाने में सक्षम होता है।।। क क पाने उच्चकोटि के योगियों-सन्यासियों ने शक शक्ति तत्व की साधना सम्पन्न की और फिर उस परब्रह्म को प्राप्त कर सकने में समntasसम हुये हुये को को Para स्वयं marcaम ने भी र र से युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिये 'शक्ति तत्व' की स साधना सम्पन्न की तत तत।। थी थी। थी
प्रत्येक व्यक्ति, सन्यासी, योगी इस प्रक pos अन्य देवताओं की साधना जहां कठिन, लम्बी है, वहां जगदम्बा और गणपति की साधना सरल है, सामान्य है, स्पष्ट है, शीघ्र सिद्धिदायक है है है्पष्ट है, शीघ्र सिद्धिदसिद। है स स्ट है, शीघ Para
जिसकी साधना करने से हाथों-हाथ फ़ल मिलता है, सभी स्वरूपों में रक्षा करने, धन प्राप्ति, परिवार की उन्नति स्वास्थ्य-कामना की साधना हो सभी प्रकार की इच्छाओं का परिपालन जगदम्बा की साधना में ही निहित है। भगवती जगजननी की इसी प्रकार प्रति क्षण सूक्ष्म या स्थूल उपस्थिति मानना ही यथार्थ में 'आस्था' और इस प्रकार मानते हुये सदैव प्रमुदित रहना ही 'साधना' या 'उपासना' है, क्योंकि 'मां' को अपने शिशु से मुस्कान की अपेक्षा होती है, Mais informações
अतः जो साधक शक्ति तत्व की साधना सम्पन्न करता है वह निरन्तर उच्चता की ओर अग्रस desse भगवती दुर्गा के स्वरूप का वर्णन करना तो सहज नहीं है, क्योंकि जिनकी आभा कोटि सूर्य के समान प्रभावान हो, जिसमें समस्त ब्रह्माण्ड की गति, चेतना, समाहित हो, वे प्रकट हो भी जायें, तो भी साधक में यह सामर्थ्य नहीं होता कि वह उनके उस परब्रह्म स्वरूप का विवेचन कर सके, e mais
भगवती के इसी करूणामय स्वरूप को प्राप्त करने के लिये नवरात्रि के अवसर पर ये श्रेष्ठ दीक्षा व साधनायें प्रस्तुत कीाठ दीकाषष व साधनायें प्रस्तुत कीा हीा ही। व व सायें प्रसgio यह मात्र साधना दीक्षा ही नहीं है, अपितु आपके लिये वर Pararea इस बार नवरात्रि में ऐसे काल खण्ड भी निर्मित हो रहे हैं, जो विशेष हैं, यह साधना दीक्षा न सिर्फ आपकी बाधाओं से आपकी समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाला ही नहीं अपितु आपकी मनोंकामनाओं को भी पूर्ण करने में समर्थ होगी।
हर युवक, युवती का यह मन होता है की वह सुन्दर, मनम ोहक, आकर्षक, षोड़शी, कामदेव अनंग सौन्दर्य शक्ति युक्त सर्श Mais informações प्रदत्त स्वरूप को परिवर्तित कर पाना संभव नहीं, परन्तु दैवी कृपा से शरीर को सुगठित, त्वचा को कां Mais informações जा सकता है। यही नहीं सुन्दर केश, लम्बा कद भी इस साधना द्वार ा प्राप्त किया जा सकता है।
Linha सामने चौकी पर गुलाब के सुगन्धित पुष्प बिछाकर सुमुखी सौन्दर्य मुद्रिका स्थापित करें, इत्र छिड़क ले तथा ज्योतिर्मय चेतना प्राप्ति हेतु घी का दीपक जलायें। सुमुखी चैतन्य सौन्द desse
Linha O que você pode fazer? Linha
शत्रुओं की कुदृष्टि, ईर्ष्या की भावना आदि से जीवन में तनाव एवं समस्यायें उत्पन्न होती हती तन है। कुछ व्यक्तियों की प प्रवृत्ति ही इस प्रका conseguir निरन्तuto
Linha ऐसी साधनायें काले आसन पर सम्पन्न करने का अपना ही महत्व है।।।। Mais informações सामने तेल का दीपक जलायें तथा दुर्मुखी गुटिका को स्थापित करें तत्पश्चात दुर्मुखी विपत्ति हरण माला से निम्न मंत्र का 5 माला ल्रreagre
Marca त्रि को म माला और गुटिका को आसन में लपेटक घntas Mais informações sobre como fazer isso
माघी नवरात्रि में स स्वरूप में गृहस्थ जीवन वृद वृद्धि हेतु जीवन के सर्वश्रेषgio संस्कार की क्रिया विवाह के ूप में सम्पनार की जािय विवाह के ूप ूप सम्पन्न की जquiedade Linha शिक्षित, सुन्दर, प्रतिभावन होने पर भी उचित ववव नहीं मिल पाते। प।। अतः वसन्तोमय जीवन प्राप्ति हेतु साथी का वरण भद्रा साधना द्वारा सम्भव है।
पूजा स्थान में शुद्ध भाव से बैठ जायें। घी का दीपक जलाये और सुसंस्कार युक्त वर-वधू की प्राप्ति हेतु संकल्प लेकर बाजोट पर सुगन्धित पुष्पों के आसन पर भद्रा चक्र को स्थापित कर, एकाग्रचित हो कर निम्न मंत्र की अनंग कामदेव गौरी माला से रविवार गौरी तृतीया पर्व पर 9 माला मंत्र जप सम्पन्न करें -
भद्रा चक्र को अपनी बाजू अथवा गले में धारण करें। नवरात् marca
वंसतोत्सव जहां एक ओर आनन्द, रस का प्रतिदान करता है, वही यह एक अद्वितीय दीक्षा, साधना व उच्चकोटि की उपासना का दिवस है, इस पर्व पर भगवान श्री कृष्ण राधामय कर्म ज्ञान शक्ति की अधिष्ठात्री माँ सरस्वती की आराधना की जाती है। भगवती सरस्वती की उपासना प् marca Linha
आज का युग प्रतिस्पर्धा का है, जो जितना अधिक जूझेगा, वह उतना ही आगे जायेगा, जो जितना अधिक ज्ञानार्जन करेगा, उतना ही अधिक प्रतिभाशाली होगा, सांसारिक ज्ञान और किताबी ज्ञान के बीच संतुलन बनाकर जो आगे बढ़ने का प्रयास करेगा, उसके समक्ष सफलता के द्वार खुले होंगे। आज का युग ऐसा ही है, जब आप कड़ी से कड़ी मेहनत क कntas Talento múltiplo को महत्व देता है, ऐसे में आपकी संतान का चतुर्मुखी विकास होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य हो गया है, क्योंकि आने वाले वर्षों में वही लोग अपना वर्चस्व बना पायेंगे, जिवन भीतर अपूर्व जीवट शक्ति होगी क्योंकि बिना ज्ञान शक्ति के जीवन में किसी भी तरह से सुस्थितियां ou आ Mais informações sobre como fazer isso उनके भीत भीत ऐसी चेतना का बीजारोपण करें, कि व वाले समय में जब वे वृक वृक्ष ूप ूप तैय तैयार हो तो, उससे समाज, परिवार का हित स सntas स स समाज पसिदप पार का क स सntas
Mais informações O que você pode fazer? सम्मोहन वशीकरण की चेतना से आप्लावित हो सकेंगे, उसी के फलस्वरूप जीवन में ज्ञान, सद्बुद्धि, वाक ् चातुर्यता, कौशल, स्मरण शक्ति की वृद्धि होगी।
भगवती सरस्वती कामlente दोनों के युग्म से प पारिवारिक जीवन स स, आनन्द, प्रेम, प्रसन्नता, सुख-समृद्धि का विस्तारसन सकेगा।
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