आप से एक संवाद स्थापित करने की आवश्यकता इस कारण महत्व रखती है, क्योंकि कहीं न कहीं हमारी और आपकी भावना में सामंजस्य है, तभी तो यह पत्रिका आज आपके हाथों में है- छल, कपट, व्यभिचार, उत्तेजना और विकृत प्रवृत्तियों से भरी पत्रिकाओं के Não perca tempo! हमारी दृष्टि में स सामान्य बात नहीं है, क्योंकि हम ूप ूप।
अपनी ही पत्रिका में अपनी ही बात करना हमें झिझक से भर देता है, क्योंकि यह प्रकारान्तर से आत्मप्रशंसा जैसी बात हो जायेगी, किन्तु इसके पीछे हमारा चिन्तन मात्र इतना ही है, कि यदि हम ही अपनी भावनाओं एवं लक्ष्यों से आपको नहीं परिचित करायेंगे तो यह O que você está fazendo?
ज्ञान स्वयं में कोई गतिशील अथवा जाग्रत तत्व नहीं होता है वरन् वह जाग्रत एवं गतिशील होता है तो उन व्यक्तियों के माध्यम से, जो स्वयं में अग्नि कण के समान ज्वलनशीलता समाहित किये रहते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर अशुभ के विध्वंस को तत्पर हो सकते है। आपमें कुछ ऐसा ही है। यह कहना आपकी प्रशंसा अथवा कोई अतिश्योक्ति नहीं व वास्तविकता ही औ औ औ यह पत्रिका इसी अग्नि स्फुलिंग को धधक भ भभ देने का पारयgio क क आ भ भ भ भ का पारयास सक क आ आ भ भ भ है क का पedade
वह ज्ञान जो क्रिया एवं संवेदना से शून्य हो, प्रस्तर मूर्ति से अधिक नहीं होता, जबकि हमें तो जीवित जीवित, जाग्रत, स्पंदनों से भntas केवल प्रचार-प्रसार ही नहीं वरन् आपके मन, वचन और कर्म की इस पत्रिका से संयुक्ति की आशा हमने में में संजोयी है है।। है संजोयी में में संजोयी संजोयी है। है है संजोयी संजोयी संजोयी है है यही भावना मानवता, marcaष्ट्रीयता और सर्वोपरि विश्व बंधुत्व का आधार बन सकती। विश इस पत्रिका से संयुक्त होने का अर्थ है, कि आप ज्ञात-अज्ञात रूप में किसी विराट भावना से संयुक्त हो रहे हैं और इस भावना को स्थायित्व तब मिलेगा जब आप स्वयं निरन्तर संयुक्त रह सकें एवं दूसरों को भी संयुक्त कर सकें। इस पत्रिक deveria
इस पत्रिका में हमने प्रय deveria । Mais informações
सम्भव है, कि इस पत्रिका में कुछ बातें अत्यन्त प्राचीन काल की हो अथवा इस युग से आगे की हो, किन्तु हमने वही कहने की इच्छा रखी है जो 'सत्यं शिवं सुंदरम्' की भावना से ओत-प्रोत हो और शिव का पूजन करना ही ' मर्यादा पुरूषोत्तम' का धर्म रहा है। जो शिव को ग्रहण करेगा वही तो मर्यादित होगा, वही शीलव शीलवान होगा और ऐस argu
भारतीय पंचांग के अनुसार यह संवत् 2080 विक्रमी के प्रारम्भ का भी अवसर है।। प यह वर्ष आपके जीवन के प प्रत्येक क्षेत्र में उन्नतिप्रद सिद्ध हो, इस शुभकामना को मेरी व पत्रिका परिवार की ओntas
É obrigatório obter Guru Diksha do reverenciado Gurudev antes de realizar qualquer Sadhana ou tomar qualquer outro Diksha. Por favor entre em contato Kailash Siddhashram, Jodhpur NFT`s E-mail , WhatsApp, Telefone or Enviar solicitação obter material de Sadhana consagrado e energizado por mantras e mais orientações,