जन्म के दसवें, बारहवें अथवा सोलहवें दिन से लेकर सातवें या आठवें मास तक कभी भी यह संस्कार किया जा सकता है।। इस समय तक शिशु त्वचा एवं अंग बहुत कोमल होते हैं, अतः कान बेधने अधिक द दर्द नहीं होता। लेकिन यदि इस तक यह संस्का marca इस संस्कार को संस संस्कार से पहले क कntas शास्त्रें में ऐसा वर्णित है कि जिस शिशु का कर्णभेद संस्कार नहीं किया जाता है वो अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने योग्य नहीं होता है, उसे उनके श्राद्ध का अधिकार नहीं रहता है।
कान छिदवाने के कई कारण होते हैं। इससे कुण्डली में marcaहु और केतु संबंधी प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।।।।।। कान छिदवाने से सुनने क क्षमता बढ़ती है, आँखो की ोशनी ोशनी तेज होती है।। तनाव भी कम रहता है। Linha इससे मस्तिष्क में marca रूप में भी निखार आता है। कान छिदवाने से मेधा शक्ति बेहतर होती है। जीवन से आकस्मिक संकटो का निवारण होता है। यहां तक कि लकवा यानि पैरालिसिस रोग से बचाै भी होग से बचाै भी होग
जब गुरू बृहस्पति वृषभ, धनु, तुला और मीन लग्न में उपस्थित होते हैं, वह समय कर्णवेध संस्का marca
Linha कर्णवेध संस्कार ded. वारों में सोमवार, बुधवार, गुरूवार और शुक्रवार के इस संस संस्कार को सम्पन्न करने के लिए शुभ।।। वहीं नक्षत्रें में मृगशिरा, marca, चित्र, अनुराधा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, धनिष्ठा, श्रवण व पुनर्वसु नक्रर कर्णवेधन के अति अति फलद पुनफलद पुन gre
इसे चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या की तिथी किसी भी ग ग्रहण की अवधि दौ दौरान नहीं किया जाना चाहिए। Linha कर्णवेधन या तो स्व desse बालकों के दाएं कान में पहले किय किया जाना चाहिए फिर बाएं कान में, वहीं कन्या के पहले बांए कान में इसके पशाचात दाएं कान में भेदनान मेंाच इसके पशाचात दाएं कान में भेदन भेदनundo मेंाच इसके इसकेnel पशात दाएं कान ब भेदन भेदनqui चqui % इसके इसके पशnel
Linha इसके पश्चात शिशु पिता व पूजन क क आये आये ब्राह्मण जन निम्न संकल्प के साथ संस्कार प्रा conseguir
इसके बाद नियम अनुसार बच्चे के कान छेदते वक्त, उसका मुंह पूर्व दिशा (सूर्य की दिशा) में होना चाहिए, इससे सूर्य की तेजस्विता व सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कानों के छिद्र से प्रवेश पाकर शिशु में भी होता है। कान छेदते समय, बच्चे के कान में निम्न मंत्र का उच्चारण या तो पूजन के लिए आये ब्राह्मण या फिर पिता द्वा tarega
कर्णभेदन संस्कार से सर्वश्रेष्ठ लाभ पाने के लिए कानों में सोने की छोटी बालियां या कोई स्वर्ण कुंडल पहनायें क्योंकि इससे दिमाग के दोनों हिस्से विद्युत के प्रभाव से मजबूत बन जाते हैं। Linha सभी परिवार जन बच्चे को दीर्घायु होने का आशीर्वाद देते हैं।।।।।।।।
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